शादी से पहले फाइनेंशियल प्लानिंग की तैयारी, इसमें होने वाले खर्चों के लिए माता-पिता पर न रहें निर्भर

अच्छा जीवनसाथी तलाशना भले ही थोड़ा मुश्किल हो लेकिन मनी मैनेजमेंट उससे भी बड़ी चुनौती बन सकता है, अगर सही समय पर प्लानिंग न की जाए। इसलिए अगर आपकी शादी हो रही है या आपके परिवार या दोस्तों में किसी की शादी हो रही है, तो फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़ी कुछ बातें जान लीजिए। साथ ही शादी के खर्चों के लिए पूरी तरह माता-पिता पर निर्भर होने का चलन भी बदलना चाहिए। अजय केडिया, केडिया एडवाइजरी, मुंबई कहते हैं कि अगर आपको नौकरी करते हुए कुछ समय हो चुका है और जल्द शादी की प्लानिंग कर रही हैं, तो क्यों न शादी को पूरा न सही, थोड़ा खर्चा आप खुद उठाएं।


इन बातों को अपनाकर कर सकते हैं सही प्लानिंग




  1. जब शादी को कुछ साल बचे हों


     


    अगर आपने कुछ समय पहले कमाना शुरू किया हो और शादी के लिए पांच साल से ज्यादा का वक्त हो तो अब भी आपके पास प्लानिंग का समय है। शुरुआत कम वोलाटाइल म्यूचुअल फंड्स से की जा सकती है। अगर शादी को 5 साल से कम समय रह गया है तो आप मंथली इनकम प्लान (एमआईपी) में निवेश कर सकती हैं, जहां इक्विटी एक्सपोजर 25 फीसदी के आसपास है। जिनके पास 5 साल से ज्यादा का समय है, वे पारंपरिक बैलेंस्ड फंड्स में निवेश कर सकती हैं। एक से तीन म्यूचुअल फंड स्कीम्स में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में भी निवेश कर सकती हैं। पांच साल से कम समय हो तो बैलेंस्ड फंड में एसआईपी करें और ज्यादा समय हो तो ब्लू-चिप और मिड-कैप इक्विटी फंड्स जैसे आक्रामक विकल्प अपना सकती हैं। अगर आपके पैरेंट्स ने आपके नाम से पीपीएफ एकाउंट खोला है तो उसे जारी रखें और अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल करें।


     




  2. शादी से पहले इन बातों का भी रखें ध्यान


     


    जब शादी करें तो यह सुनिश्चित करें कि आप पर किसी तरह का कर्ज न हो, खासतौर पर पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड बकाया। शादी के लिए पर्सनल लोन तो किसी स्थिति में नहीं लेना चाहिए, खासतौर पर तब जब आपके पास सेविंग करने के लिए पर्याप्त समय हो। अगर आप पर एजुकेशन लोन बकाया है, तो उसे भी जल्दी चुकाने की योजना बनानी चाहिए।


     




  3. बैंक खातों का प्रबंधन


     


    शादी के बाद आप तय कर सकती हैं कि अपना व्यक्तिगत खाता चाहिए या जॉइंट एकाउंट खोलेंगी। महिलाओं के लिए शादी के शुरुआती सालों में मौजूदा एकाउंट को चलाना ही ठीक होता है। हालांकि दो अलग एकाउंट खोलना इन दिनों पसंद किया जाता है। वर्किंग प्रोफेशनल्स अलग से जॉइंट एकाउंट्स बना सकते हैं, लेकिन नॉमिनेशन आदि सही ढंग से किया जाना चाहिए।


     




  4. शादी के बाद के लिए जरूरी बातें


     


    शादी के शुरुआती वर्षों में घूमने आदि पर ज्यादा खर्च होता है। लेकिन इस दौरान अपने पति से वित्तीय मामलों की चर्चा करना न भूलें और भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों की नींव रखने की कोशिश करें। सेविंग की शुरुआत करने से पहले, सबसे पहले पति और पैरेंट्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लें। शादी के पहले कोई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लिया है तो उसे बंद न करें। अगर शादी के बाद सरनेम बदला है तो नाम अपडेट करने या पति का नाम जुड़वाने के लिए एप्लाई करें। हेल्थ कवर के साथ टर्म इंश्योरेंस प्लान भी लिया जा सकता है, जिसका कवर आपकी वार्षिक आय से 10 गुना होना चाहिए। पति-पत्नी दोनों काम करते हैं, एक अतिरिक्त आय से लाइफ कवर खरीदा जा सकता है, ताकि घर की आय की 75 फीसदी जरूरत को पूरा किया जा सके।