होम लोन के लिए डाउन पेमेंट जुटाते के लिए सही ढंग से योजना बनाना जरूरी

खुद का घर खरीदना एक व्यक्ति के जीवन में सबसे बड़ी आर्थिक जिम्मेदारी होती है। वैसे तो इस बड़े सपने से जुड़ी एक बड़ी कीमत चुका पाने में होम लोन आपकी मदद करते हैं, लेकिन आमतौर पर होम लोन के रूप में आपको घर की कीमत का 75-90% हिस्सा ही ऋण के रूप में दिया जाता है। इसलिए, घर खरीदारों को डाउन पेमेंट के लिए घर की कीमत की कम से कम 10-25% राशि की व्यवस्था करनी पड़ती है। अगर इस डाउन पेमेंट के लिए सही ढंग से योजना न बनाएं तो यह काम काफी मुश्किल हो सकता है। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जो आपको अपने होम लोन के लिए डाउन पेमेंट जुटाने का तरीका बताएंगे।


इन जरूरी बातों का रखें ध्यान




  1. जल्द से जल्द योजना बनाएं


     


    अपने डाउन पेमेंट की रकम जुटाने के लिए आप जितनी जल्दी योजना बनाएंगे, आपको अपने पैसे बढ़ाने के लिए उतना अधिक समय मिलेगा, ताकि चक्रवृद्धि की शक्ति का फायदा उठाया जा सके। संपत्ति की कीमत के हिसाब से आवश्यक डाउन पेमेंट रकम का अंदाजा लगाने और अपनी मौजूदा आमदनी और अन्य किसी मौजूदा ऋण के भुगतान आदि पर विचार करने के बाद, आपके लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि सही निवेश साधन चुनें। ऐसा करते वक्त अपनी जोखिम लेने की क्षमता और निवेश अवधि पर भी फैसला करें।


     




  2. आर्थिक क्षमता से बाहर न जाएं


     


    होम लोन के लिए 10-25% डाउन पेमेंट की न्यूनतम आवश्यकता जितनी राशि जुटाने की बजाय उससे बड़ा डाउन पेमेंट करने की कोशिश करें। आप जितनी अधिक राशि का भुगतान अपनी जेब से करेंगे, आपको उतना ही कम ऋण लेना पड़ेगा और इस पर लागू ब्याज भी कम रहेगा। इसके साथ ही, आपके होम लोन का एलटीवी रेश्यो कम होने से आपको ऋण को मंज़ूरी मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी। लेकिन यह ध्यान रहे कि अधिक डाउनपेमेंट के लिए पैसे जुटाते वक्त अपनी आर्थिक क्षमता से बाहर न जाएं या फिर आपके अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा करने में रुकावट ना आ जाए।


     




  3. किसी अन्य उद्देश्य के लिए किए गए निवेश का इस्तेमाल न करें


     


    जब लोन डाउन पेमेंट जुटाने की बात आती है, तो घर खरीदार अक्सर अपने रिटायरमेंट या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए अलग से बचाए गए निवेश को तोड़ने की गलती करते हैं। वो यह नहीं समझ पाते कि ऐसा करने से उन्हें एक नहीं बल्कि दो नुकसान होंगे। पहला यह कि वो अपने निर्धारित लक्ष्य पूरे नहीं कर पाएंगे और दूसरा यह कि बाज़ार में मंदी के दौरान बाज़ार से जुड़े निवेश तोड़ने से नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए, ऐसे किसी भी निवेश को इस काम के लिए इस्तेमाल करने से बचें जो आपने लंबी-अवधि के लक्ष्यों के लिए बचाकर रखा है।


     




  4. डाउन पेमेंट के लिए कर्ज लेने से बचें


     



    • जो घर खरीदार अपने डाउन पेमेंट के लिए आवश्यक रकम जुटाने में असफल रहते हैं, वो अक्सर इस ज़रूरत के लिए कर्ज़ लेने को मज़बूर हो जाते हैं। ऐसे लोगों को पर्सनल लोन या गोल्ड लोन लेने का विकल्प आसान और तेज़ी से पैसे प्राप्त करने का साधन लगेगा, लेकिन इनके भी अपने नुकसान हो सकते हैं।

    • पहला यह कि ऋणदाता कंपनियां आमतौर पर ऐसे ग्राहकों को महत्व देती हैं जिनका फिक्स्ड ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो (FOIR) 50-60% तक सीमित रहे। ऐसे में अगर आपके पर्सनल लोन या गोल्ड लोन की ईएमआई को, आपके द्वारा लिए जाने वाले होम लोन की ईएमआई से जोड़ने पर आपका FOIR तय सीमा को पार करता है, तो होम लोन आवेदन खारिज किया जा सकता है।

    • दूसरा यह कि होम लोन चुकाने की जिम्मेदारी एक व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी देनदारी हो सकती है, जिसमें बड़ी ऋण राशि और 20-30 वर्षों तक की लंबी ऋण अवधि शामिल होती है। ऐसे में होम लोन लेने के लिए एक अतिरिक्त ऋण की जिम्मेदारी उठाना आपकी आर्थिक हालत को तंग बना सकता है। खासकर जब आपको भविष्य में किसी मेडिकल इमरजेंसी या एक नया वाहन खरीदने के लिए पैसों की ज़रूरत पड़ेगी और आप कर्ज लेना चाहेंगे, तो आपको मुश्किल हो सकती है।

    • जब आप ऋणदाता कंपनी के पास अपना ऋण आवेदन जमा करते हैं, तो यह कंपनी क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट मांगती है। ऐसी गतिविधि को हार्ड इन्क्वायरी माना जाता है। ऐसे आग्रह मिलने पर क्रेडिट ब्यूरो आपके क्रेडिट स्कोर को कुछ अंक घटा देते हैं। इसलिए, होम लोन के लिए डाउन पेमेंट रकम जुटाने के लिए ऋण आवेदन करने से आपका क्रेडिट स्कोर भी कुछ अंक कम हो जाएगा, जिससे आपको होम लोन को मंज़ूरी मिलने की संभावना पर भी असर होगा। ऋण देने वाली कंपनियां ऐसे लोगों के आवेदन खारिज कर देती हैं या फिर उनसे अधिक ब्याज दर वसूलती हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर उनकी पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करता।